वार्षिक टोल पास के दायरे में स्टेट हाइवे को भी लाने पर विचार कर रही सरकार
Written By : Romi Kindo
तीन हजार रूपये का वार्षिक टोल पास अभी सिर्फ नेशनल हाइवे मान्य होगा 1.79.535 किमी स्टेट हाइवे के लिए केंद्र की राज्यों से बातचीत
नई दिल्ली : देशवासियो को हाइवे पर निर्बाध सफर की सुविधा देने के लिए निश्चित ही केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है,लेकिन टोल प्लाजा के झंझटो से पूरी तरह आजादी तभी मिलेगी,जब राज्य सरकारें भी केंद्र की वार्षिक टोल पास की निति से खुद को जोड़ने पर सहमत हो। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की 15 अगस्त से शुरू हो रही निजी वाहनों की वार्षिक टोल की पास योजना सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्गो और एक्सप्रेसवे पर ही लागु होगी।
इस सुविधा को स्टेट हाइवे और राज्य सरकारों के अधीन आने वाले एक्स्प्रेसवे पर भी उपलब्ध कराने के लिए केंद्र की और से राज्यों को सुझाव दिया गया है। कुछ राज्यों ने सैद्धांतिक सहमति दे भी दी है। हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि 15 अगस्त से राष्ट्रीय राजमार्गो पर फास्टैग आधारित वार्षिक टोल पास से आवागमन शुरू हो जायेगा। तीन हजार रूपये के पास से एक साल या 200 ट्रिप यात्रा की अनुमति होगी।
सरकार का दावा है कि इससे न सिर्फ यात्रियों को आर्थिक लाभ होगा,बल्कि टोल गेट पर लम्बी कतारे न लगने से यात्रा भी सुविधाजनक होगी। नेशनल हाइवे की लम्बाई 1.46.195 किलोमीटर है। इसके दायरे में कुल 1.030 टोल प्लाजा पड़ते है,जिन पर यह योजना लागु होगी। मगर पूरी तरह सुगम सफर में अभी कुछ अवरोध भी है। दरअसल, वार्षिक टोल पास की योजना राज्य राजमार्गो पर लागु नहीं हो रही है।
देश में स्टेट हाइवे की कुल लम्बाई 1.79.535 किलोमीटर है,जो कि नेशनल हाइवे से भी अधिक है। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब राज्य राजमार्गो पर अधिक टोल नहीं बचे है। लगभग 15 राज्य अपने राजमार्गो पर टोल टैक्स खत्म कर चुके है,लेकिन कई राज्यों में एक्सप्रेसवे भी बने है जिन पर टोल टैक्स लग रहा है। जैसे कि उत्तरप्रदेश में नोएडा-आगरा यमुना एक्सप्रेसवे,बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे,पूर्वांचल एक्सप्रेसवे,पर अभी यात्रियों को वार्षिक टोल पास की सुविधा नहीं मिल सकेगी।
यदि राज्य सरकार भी केंद्र सरकार की वार्षिक टोल पास निति से जुड़ते हुए अपने यहां ऐसी व्यवस्था करती है,तो उसके दायरे में सभी एक्सप्रेसवे आ जायेंगे अगर उत्तरप्रदेश सरकार सहमत हो तो निजी एजेंसी द्वारा संचालित यमुना एक्सप्रेसवे पर भी यात्रियों को सुविधा मिलना सम्भव हो सकता है। मंत्रालय ने सूत्रों से बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारो से वार्षिक टोल निति अपनाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है।
कुछ राज्यों ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है और वे जल्द ही ऐसी घोषणा कर सकते है। अधिकारी ने भरोसा जताया कि एक देश,एक टोल पास का सपना मुश्किल नहीं है,क्योँकि 15 से अधिक राज्यों में राजमार्गो पर निजी वाहनों के लिए टोल नहीं है। कही-कही नगर निगम अपने दायरे में आने वाली सड़को पर व्यवसायिक वाहनों से टोल वसूलते है।
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