कनाडा की ख़ुफ़िया एजेन्सी ने माना,खालिस्तान समर्थक कर रहे उसकी भूमि का इस्तेमाल

 रिपोर्ट में कहा - भारत में हिंसा को बढ़ावा देने,धन जुटाने और साजिश के लिए हो रहा उपयोग 

Written By : Romi Kindo 
ओटावा : भारत वर्षो से कनाडा से गतिविधिया चला रहे खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों के बारे में चिंता जताता रहा है,लेकिन कनाडा ने इस मुद्दे पर आँखे मूंदे रखी है। ऊब उसकी प्रमुख खुफिया एजेंसी 'कनेडियन सिक्योरिटी एंटिलीजेंस सर्विस' ने पहली बार आधिकारिक तौर पर माना है कि खलिस्तान समर्थक चरमपंथी भारत में हिंसा को भढ़ावा देने,उसके लिए धन जुटाने और उसकी योजना बनाने के लिए कनाडा की धरती का इस्तेमाल कर रहे है। 

सीएसआईएस ने बुधवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की,जिसमे कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कुछ प्रमुख चिंताओं एवं खतरों का रेखांकित गया है। सीएसआईएस की यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच बातचीत के एक दिन बाद आई है जिसमे दोनों नेताओ ने संबन्धो में स्थायित्व बहाल करने लिए कदम उठाने पर सहमति जताई  थी और एक दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्त भल करने का फैसला किया था।  

रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा में राजनीती से प्रेरित हिंसक चरमपंथ का खतरा मुख्य रूप से कनाडा में रहे खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों के जरिये पिछली सदी के नौवे दशक में सामने जो भारत के पंजाब राज्य में खालिस्तान नाम से स्वतंत्र राष्ट्र बनाना चाहते है। 

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